एटा में पुलिस की दिखी मानवीय चेहरा, प्रवासी मजदूरों को जूते- चपल भी पहना रही पुलिस May 24, 2020 • सुरेश चौरसिया रिपोर्ट : अजय यादव_मंज़िल मिली मुराद मिली और उसे एक रिश्ता मिला, सब कुछ मिला उसे जब खाकी में एक फरिश्ता मिला_एटा। लॉकडाउन के बीच एटा पुलिस की एक सकारात्मक पहल, नंगे पांव पैदल जा रहे प्रवासी मजदूरों को मिली राहत, निःशुल्क चप्पल- जूते, फल आदि मुहैया करा रही एटा पुलिस। किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार, किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार, किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार, जीना इसी का नाम है…’ मशहूर नगमानिगार शैलेन्द्र की इन खूबसूरत लाइनों को हकीकत में दिखाया है, क्राईम ब्रांच एटा में तैनात इंस्पेक्टर सतीश कुमार यादव ने। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एटा सुनील कुमार सिंह के निर्देशन में कोरोना वायरस के चलते लागू पहले लाॅक-डाउन से ही मिरहची बार्डर पर तैनात इंस्पेक्टर सतीश कुमार यादव द्वारा डियूटी के प्रति पूर्ण समर्पण भाव दिखाई दिया है। जरुरतमंदों को खाना आदि उपलब्ध कराना हो या लाॅकडाऊन से प्रभावित प्रवासी मजदूरों के बच्चों की सुरक्षा और उनकी बेहतरी के लिए उन्हें चप्पल पहनाना हो, इंस्पेक्टर सतीश द्वारा सेवाभाव से ऐसे जनसहयोग के कार्यों को किया जा रहा है। आप देख सकते हैं कि कैसे स्वयं अपने हाथों से वह प्रवासी मजदूरों को चप्पल पहना रहे हैं। बता दें लॉकडाउन के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों से हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने गांव की ओर निकल गए हैं। ऐसे में जनपद एटा की सीमा से गुजरने वाले जरूरतमंद लोगों की एटा पुलिस मदद करने की कोशिश कर रही है। उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के बीच एटा से एक राहत भरी खबर सामने आ रही है, ऐसे प्रवासी मजदूरों जो भीषण गर्मी में नंगे पांव सड़कों पर यात्रा करते हुए अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए एटा पुलिस ने नई पहल शुरू करते हुए सड़कों पर खाने पीने का जरूरी सामान मुहैया कराने के साथ-साथ उनके लिए चप्पल जूते उपलब्ध कराये जा रहे हैं। पूर्व में थाना जैथरा, थाना नयागांव पुलिस द्वारा भी प्रवासी मजदूरों को खाना और पहनने को चप्पलें उपलब्ध कराई गई हैं। कोरोना लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर का पैदल ही घर पहुंचने का सिलसिला जारी है। इस दौरान उन्हें तरह-तरह कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। एटा पुलिस कोरोना संक्रमण के दौर में एक अलग ही भूमिका में दिखाई दे रही है। एक ओर जहां पुलिस लॉकडाउन में वाहनों की चेकिंग का जिम्मा संभाले हुए हैं। वहीं दूसरी ओर प्रवासी मजदूरों को खाने-पीने व जरूरत की चीजें उपलब्ध कराने में भी जुटी है।