नोएडा। नोएडा के सेक्टर 94 स्थित अंतिम निवास में लॉक डाउन के कारण इन दिनों लकड़ियों की भारी कमी पड़ गई है। इस बाबत अंतिम निवास के संचालक व नोएडा लोक मंच के महासचिव महेश सक्सेना ने आम लोगों से अपील की है की लकड़ियां कम होने की वजह से यहां अंतिम संस्कार में आने वाले लोग लकड़ियों का जिद न करें, बल्कि शवों का संस्कार सीएनजी से ही करें ताकि अंतिम निवास की यह व्यवस्था निर्विरोध चलता रहे।
आज इस बाबत महेश सक्सेना ने बताया कि कोराना वायरस के संक्रमण व शासन द्वारा घोषित लाॅक डाउन के कारण अंतिम में संस्कार हेतु लकड़ी की उपलब्धता बहुत कम हो गई है। ऐसे में सीएनजी से संस्कार किया जाना ही अपेक्षित है। उन्होंने बताया कि यह पर्यावरण की शुद्धता के लिए भी उपयोगी है। अतः लकड़ी की अधिक उपलब्धता न होने के कारण सभी सज्जनों से निवेदन है कि लकड़ी से संस्कार के लिए बाध्य न करें तथा सीएनजी से ही संस्कार करवाएं।
बता दें कि सेक्टर—94 स्थित अंतिम निवास में रोज करीब 150 शव प्रतिदिन आते हैं। इनमें 20 शवों का सीएनजी के जरिए अंतिम संस्कार किया जाता रहा है। लकड़ी के परंपरागत तरीके से अंतिम संस्कार करने का खर्च ढाई हजार रुपये और सीएनजी से 3 हजार रुपये तक आता है। यदि यहां सीएनजी पर सब्सिडी मिल जाएगी, तो यह खर्च घटकर 500-600 रुपये आ जाएगा। यहां बेहद गरीबों तथा लावारिस शवों का निःशुल्क संस्कार भी किया जाता है।
बहरहाल, शहर में लॉकडाउन के कारण आने -जाने वाले गाड़ियों पर प्रतिबंध लगा हुआ है। पहले से जमा यहां लकड़िया खत्म होने की कागार पर है और अभी तत्काल यह लकड़ियां बाहर से आने की संभावना नहीं दिखाई दे रही है।अतः महेश सक्सेना को इस बाबत लोगों से अपील करनी पड़ी है कि वह अंतिम संस्कार में आकर यहां लकड़ियों की जिद न करें, बल्कि सीएनजी से ही शवों का संस्कार करें।