नई दिल्ली। रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 (आरईआरए) के प्रावधानों के तहत गठित केंद्रीय सलाहकार परिषद (सीएसी) की एक अति आवश्यक बैठक बुधवार को हरदीप एस. पुरी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की अध्यक्षता में वेबिनार के माध्यम से आयोजित की गई। इस दौरान महामारी कोविड-19 (कोरोना वायरस) और इसके परिणामस्वरूप देशव्यापी लॉकडाउन से रियल एस्टेट सेक्टर पर प्रभाव की चर्चा की गई और रेरा के प्रावधानों के तहत इसे 'अप्रत्याशित घटना' मानने पर बात हुई।
बैठक में अमिताभ कांत, सीईओ, नीति आयोग; दुर्गा शंकर मिश्रा, एमओएचयूए; एके मेंदीरत्ता, सचिव, कानूनी मामले विभाग; कई राज्यों के रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरणों के प्रमुख सचिव और चेयरपर्सन; घर खरीदारों के प्रतिनिधि; रियल एस्टेट डेवलपर्स, रियल एस्टेट एजेंट्स्, अपार्ट ओनर्स एसोसिएशन, क्रेडाई, एनएआरईडीसीओ, वित्तीय संस्थान और अन्य हितधारकों ने हिस्सा लिया।
सदस्यों का स्वागत करते हुए श्री पुरी ने इस संकट के दौरान अपने श्रमिकों को भोजन, आश्रय, चिकित्सा सुविधाएं और मजदूरी प्रदान करने को लेकर किए गए आवश्यक उपायों के लिए डेवलपर्स एसोसिएशन समेत रियल एस्टेट सेक्टर के सभी हितधारकों और रियल एस्टेट सेक्टर को पूरा सहयोग और मदद देने के लिए नियामक प्राधिकरणों की प्रशंसा की।
बैठक में रियल एस्टेट सेक्टर की चिंताओं खासतौर से महामारी कोविड-19 और इसके चलते देशव्यापी लॉकडाउन के प्रभाव पर विचार-विमर्श किया गया। रियल एस्टेट सेक्टर के लिए विशेष राहत देने की मांग की गई जिससे क्षेत्र मौजूदा संकट के प्रतिकूल प्रभाव से निपटने में सक्षम बन सके। बड़े पैमाने पर श्रमिकों के रिवर्स पलायन (शहरों से गांवों की ओर) और आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित होने से कोविड-19 ने पहले ही निर्माण गतिविधियों को बाधित कर दिया है।
व्यापक चर्चा के बाद आवास मंत्री ने सभी प्रतिभागियों को आश्वासन दिया कि सभी हितधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस मामले पर विचार किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि एमओएचयूए जल्द ही विशेष उपायों को लेकर सभी रेरा/राज्यों को एक एडवाइजरी जारी करेगा, जो घर खरीदारों और अन्य सभी रियल एस्टेट उद्योग के हितधारकों के हितों को सुरक्षित करने के लिए जरूरी है।