शिवराज सिंह चौहान का जागा भाग्य, चौथी बार आज लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ


नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में मचे सियासी घमासान के बाद अब मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। मध्य प्रदेश बीजेपी विधायक दल का नेता राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सोमवार को पार्टी दफ्तर में आयोजित एक बैठक के दौरान चुन लिया गया। बैठक में दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश के पर्यवेक्षक अर्जुन सिंह और राज्य के प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे भी शामिल हुए।


इसके बाद राजभवन ने मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के लिए रात 9 बजे का वक्त दिया है। रात 9 बजे मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जाएगी। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान आज शाम चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।


कोरोना वायरस के कारण शपथ ग्रहण सादगी के साथ होगा। राजभवन के भीतर शपथ की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है।उनके साथ मिनी कैबिनेट भी शपथ ले सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि इस शपथ ग्रहण में कम ही लोग हिस्सा लेंगे। पहली बार वह 29 नवंबर 2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद वह 12 दिसंबर 2008 में दूसरी बार सीएम बने।  8 दिसंबर 2013 को शिवराज ने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली थी।


22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ गई और कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ गया था। ये सभी विधायक कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे के हैँ।


कांग्रेस के बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर होते ही कांग्रेस के विधायकों की संख्या घटकर 92 हो गई है। वहीं, बीजेपी के पास कुल 107 विधायक है। 230 सदस्यों वाली विधानसभा में बागी विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कुल 24 सीट खाली हो गई है। ऐसे में फिलहाल बीजेपी के पास बहुमत के लिए जरूरी विधायकों की संख्या मौजूद है।


मध्य प्रदेश कांग्रेस के सभी 22 बागी विधायक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में दिल्ली में आज भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इन्हीं बागी विधायकों की वजह से मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार शुक्रवार को गिर गई थी।