नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शाम अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी की जनता से वीडियो कांफ्रेंसिंग से बात की है। उन्होंने कहा, कोरोना का इलाज अपने स्तर पर बिल्कुल नहीं करना है। जो करना है डॉक्टरों की सलाह पर ही करना है। कोरोना के खिलाफ कोई भी दवाई और वैक्सिन पूरी दुनिया में नहीं बनी है। डॉक्टरों से सलाह के बाद ही कोई दवाई लें।
उन्होंने कहा, हम सभी का प्रयास होना चाहिए की प्रशासन पर कम से कम दबाव डाले, प्रशासन का सहयोग करें। अस्पताल में काम करने वाले, पुलिसकर्मी, सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले, मीडियाकर्मी, ये हमारे ही लोग हैं, हमें उनका हौसला बढ़ाना चाहिए।
मोदी ने बताया, अभी नवरात्र शुरू हुआ है तब अगले 21 दिन तक नव गरीब परिवारों का मदद करने का प्रण लें। मैं मानता हूं अगर इतना भी हम कर लें तो इससे बड़ी सेवा क्या हो सकती है। लॉकडाउन की वजह से अनेक जानवरों के सामने भोजन का संकट आ गया है। मेरी लोगों की प्रार्थना है अपने आस-पास के पशुओं की भी चिंता करें।
मोदी बोले, कोरोना वायरस न ही हमारी संस्कृति को मिटा सकता है और नहीं हमारे संस्कार को। कोरोना के जवाब देने का दूसरा एक तरिका है वो है करुणा। करुणा से हम गरीबों और जरूरतमंदों का कल्याण कर सकते हैं।
काशी में बात होती हो और कपड़े वाले बात न हो तो बात अधूरी रह जाती है। कोरोना को पराजित करने के लिए एक रणनीति के तहत एक्सपर्ट से मिले दिशा निर्देशों के तहत ही हर व्यक्ति दूसरे से कम से कम एक डेढ मीटर की दूरी पर रहे। साथियों हम इस बात पर विश्वास करने वाले लोग है कि मनुष्य ईश्वार का अंश हैं।
जब मुझे कल डॉक्टरों से बात कर रहा था तो पता तो तत्काल गृह विभाग और राज्यों के डीजीपी के साथ बात करने और उचित दिशा निर्देश देने का आदेश दिया।
जिन लोगों ने वुहान में रेस्क्यू ऑपरेशन किया, मैंने उनको पत्र लिखा। मेरे लिए बहुत भावुक पल था। कुछ स्थानों से ऐसी घटनाओं की जानकारी भी मिली है जिससे हृदय को पीड़ा हुआ है। इस महामारी से बचाने के लिए जो लोग काम पर लगे हुए हैं उनके साथ बुरा बर्ताव होता है तो आप लोग उनको चेतावनी दी दीजिए। ऐसा नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, कल मैंने नर्सेस और डॉक्टर के साथ इन विषयों पर विस्तार से बात की है। इस देश के सामान्य मानवीय का मन, सही समय पर सही काम करने और जरूर कदम उठाने पर हमारे देस के लोग बहुत विश्वास करते हैं। 22 मार्च को आपने देखा होगा कि जनता कर्फ्यू में लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिए।
अगर आपके पास व्हाट्सएप्प की सुविधा है तो ये नंबर 9013151515 पर आप जानकारी से ले सकते हैं। कोरोना बीमारी के देखते हुए देशभर में व्यापक तैयारियां की जा रही है। सभी को इस समय घरों में रहना अति आवश्यक है। यही इस बीमारी से बचने का बेहतर उपाय है।
लोग कई बार जानते हुए भी सावधानी नहीं बरतते हैं। नागरिक के रूप में अपने ध्यान देना चाहिए। हमें घर में रहना चाहिए। कोरोना जैसी बीमारी से बचने का यही एक मात्र उपाय है। आप ये भी ध्यान रखिए कोरोना से संक्रमित दुनिया में एक लाख से अधिक लोग ठीक भी हो चुके हैं। भारत में भी दर्जनों लोग कोरोने से बाहर निकलने हैं। इटली में 90 साल की उम्र की आयु की एक माताजी ठीक हुई हैं।
काशी का अनुभव शाश्वत, सनातन, समयातीत है। और इसलिए, आज लॉकडाउन की परिस्थिति में काशी देश को सिखा सकती है- संयम, समन्वय, संवेदनशीलता काशी देश को सिखा सकती है- सहयोग, शांति, सहनशीलता काशी देश को सिखा सकती है- साधना, सेवा, समाधान।
मोदी ने कहा, महाभारत का युद्ध 18 दिन में जीता गया था, आज कोरोनी के खिलाफ जो युद्ध पूरा देश लड़ रहा है, उसमें 21 दिन लगने वाले हैं। हमारा प्रयास है इसे 21 दिन में जीत लिया जाए। महाभारत के युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण महारथी, सारथी थें, आज 130 करोड़ महारथियों के बलबूते पर हमें कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई को जीतना है। इसमें काशीवासियों की बहुत बड़ी भूमिका है।
कोरोना की इस लड़ाई में काशी के लोगों की बड़ी भूमिका है। काशी ज्ञान की खान है। संकट की इस घड़ी में काशी सबके लिए उदाहरण प्रस्तुत कर सकती है। आज लाकडॉउन की परिस्थिति में देश को संयम, समन्वय। काशी देश को सीखा सकती है साधना, सेवा, समाधान। साथियों काशी का अर्थ ही है शिव यानि कल्याण।
-काशी का सांसद होने के नाते मुझे ऐसे समय में आपके बीच होना चाहिए था। लेकिन आप यहां दिल्ली में जो गतिविधियां हो रही हैं, उससे भी परिचित हैं। यहां की व्यस्तता के बावजूद मैं वाराणसी के बारे में निरंतर अपने साथियों से अपडेट ले रहा हूं।