नई दिल्ली। इस वक्त दुनिया में कोरोना वायरस तेजी से पांव पसारता जा रहा है। दुनिया में रिसर्च और कोशिश के बावजूद भी यह रुकने का नाम नहीं ले रहा है। दिन -प्रतिदिन इसका रफ्तार तीव्र गति से आगे बढ़ता जा रहा है। खौफ़ भी कम नहीं हो रहा है। दुनिया के बड़े-बड़े देश कोरोना वायरस के आगे घुटने टेक चुके हैं। बावजूद मानवता को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना वायरस से बचाव का सिर्फ एक ही रास्ता है एक दूसरे से डिस्टेंस।
आज दुनिया में कोरोना का कोई दवा उपलब्ध नहीं है जिससे पब्लिक सिस्टेंस या दूरी का तरीका सबसे ज्यादा बेहतर है। दुनिया के कई देश लॉक डाउन हो चुके हैं, जिसमें भारत भी शामिल है और भारत में 21 दिनों का लॉक डाउन चल रहा है।
आंकडो पर गौर करें तो कोरोना वायरस के चलते दुनिया भर में 33,000 से अधिक लोगों की मौत हुई है जिसमें अकेले यूरोप में 20,000 लोगों की मौत हुई है। वहीं विश्व में कुल 7 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। स्पेन और इटली में एक दिन में 800 से अधिक मौतें हुई हैं। इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दुनिया की आबादी का लगभग एक तिहाई लॉकडाउन में है। वहीं इससे नौकरियां, उत्पादन और आर्थिक गतिविधियां रुक गई हैं।
चीन के वुहान में प्राधिकारियों ने शहर को आंशिक रूप से फिर से खोलने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिये हैं। वहां दो महीने से अधिक समय तक 1.1 करोड़ लोग करीब करीब पृथक रहे। कोरोना वायरस संक्रमण सबसे पहले चीन के वुहान में ही सामने आया था और यह बाद में पूरी दुनिया में एक संकट बन गया और जिसे 'महामारी घोषित कर दिया गया है।
दुनिया के सबसे शक्तिशाली अमेरिका इस वायरस के प्रकोप से सबसे अधिक प्रभावित है। अमेरिका में अबतक 142,000 से अधिक केस सामने आए हैं जबकि 2400 से ज्यादा मौतें हुई हैं। भारत की बात करें तो कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर रविवार को 1000 के पार पहुंच गई और इस वायरस से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 27 हो गया।
उधर, केंद्र सरकार ने प्रवासी श्रमिकों द्वारा कोरोना वायरस के सामुदायिक संचरण को रोकने के लिए देशभर में राज्य और जिलों की सीमाओं को सील करने का आदेश दिया और पहले ही सीमाएं पार कर चुके लोगों को 14 दिन पृथक रहने को कहा। भारतीय सेना के एक डॉक्टर और एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) के रविवार को कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। कर्नल रैंक के डॉक्टर कोलकाता में कमान अस्पताल में सेवा दे रहे हैं, जबकि जेसीओ देहरादून में सेना के एक बेस में तैनात हैं।