लखनऊ। आज से रक्षा उत्पादों की प्रदर्शनी डिफेंस एक्सपो 2020 का लखनऊ में आगाज हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया। रक्षा उपकरणों के कारोबारियों के इस समागम में 70 से ज्यादा देशों की 1028 कंपनियां अपने उत्पादों और तकनीकों का प्रदर्शन करेंगी। इनमें 856 भारतीय और 172 विदेशी कंपनियां हैं।
मोदी ने क्या कहा :-
- उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य तो है ही, आने वाले समय में ये देश में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के भी सबसे बड़े हब में से भी एक होने वाला है। ऐसे में नए दशक के इस पहले डिफेंस एक्स्पो का यहां होना अपने आप में प्रसन्नता का विषय है।
- इस बार 1,000 से ज्यादा Defence Manufacturers और दुनियाभर से 150 Companies इस एक्स्पो का हिस्सा हैं। इसके अलावा 30 से ज्यादा देशों के डिफेंस मिनिस्टर्स और सैकड़ों Business Leaders भी यहां उपस्थित हैं।
- आज का ये अवसर भारत की रक्षा-सुरक्षा की चिंता करने वालों के साथ-साथ पूरे भारत के युवाओं के लिए भी बड़ा अवसर है। मेक इन इंडिया से भारत की सुरक्षा तो बढ़ेगी ही, डिफेंस सेक्टर में रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे
- दुनिया में जब 21वीं सदी की चर्चा होती है, तो स्वाभाविक रूप से भारत की तरफ ध्यान जाता है। आज का ये डिफेंस एक्सपो भारत की विशालता, व्यापकता, विविधता और विश्व में उसकी विस्तृत भागीदारी का सबूत है।
- तकनीक का गलत इस्तेमाल, आतंकवाद और Cyber Threat, पूरे विश्व के लिए एक बड़ी चुनौती हैं। नए Security Challenges को देखते हुए दुनिया की तमाम डिफेंस फोर्सेस, नई तकनीक को विकसित कर रही हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है।
- पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेजी के विजन पर चलते हुए भारत ने अनेक डिफेंड उत्पादों के निर्माण में तेजी हासिल की। 2014 तक यहां सिर्फ 217 डिफेंस लाइसेंस दिए गये थे। बीते 5 वर्षों में ये संख्या 460 हो गई है। यानी दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है।
- दुनिया की दूसरी बड़ी आबादी, दुनिया की दूसरी बड़ी सेना और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, कब तक सिर्फ और सिर्फ इंपोर्ट के भरोसे रह सकता था।
- आधुनिक शस्त्रों के विकास के लिए दो प्रमुख आवश्यकताएं हैं- Research and Development की उच्च क्षमता और उन शस्त्रों का उत्पादन। बीते 5-6 वर्षों में हमारी सरकार ने इसे अपनी राष्ट्रनीति का प्रमुख अंग बनाया है।
- डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में भारत कई वर्षों तक भारत प्रमुख शक्तियों में से एक रहा। लेकिन आजादी के बाद हमने अपनी इस ताकत का उपयोग उस गंभीरता से नहीं किया, जितना हम कर सकते थे। हमारी नीति और रणनीति इंपोर्ट तक सीमित रह गयी।
- पहले डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग में प्राइवेट सेक्टर को टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की बहुत समस्याएं आती थीं। इसके लिए अब रास्ते खोले गए हैं और DRDO में भारतीय उद्योगों के लिए बिना चार्ज के Transfer Of Technology की नीति बनायी गई है।
- हमारी सरकार चाहती है कि डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग सिर्फ सरकारी संस्थानों तक सीमित न हो, बल्कि इसमें निजी क्षेत्र की भी बराबर की साझेदारी हो। मैं समझता हूं कि उपयोगकर्ता और उत्पादक यानि User और Producer के बीच भागीदारी से राष्ट्रीय सुरक्षा को और अधिक शक्तिशाली बनाया जा सकता है।
रक्षा मंत्री द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, डिफेंस एक्सपो का मुख्य आयोजन वृंदावन सेक्टर-15 में शुरू हो गया है जो 9 फरवरी तक चलेगा। वृंदावन में दर्शकों का प्रवेश सिर्फ आठ व नौ फरवरी को होगा। यहां एयरफोर्स व सेना की ओर से लाइव डेमो की प्रस्तुतियां होंगी। जबकि गोमती रिवर फ्रंट पर दर्शकों के लिए 5 से 9 फरवरी तक नेवल के लाइव शो आयोजित होंगे। इसके अलावा वृंदावन में दर्शकों के लिए स्टेटिक डिस्प्ले भी लगाया गया है, जहां अत्याधुनिक सैन्य हथियार, मिसाइलें व उपकरणों को लगाया गया है।
यहां उनकी जानकारियां ली जा सकेंगी। गोमती रिवर फ्रंट पर नौसेना व इंडियन कोस्ट गार्ड प्रस्तुतियां देंगे। वृंदावन में होने वाले एयर शो में एयरफोर्स व आर्मी की प्रस्तुतियां होंगी। इसमें डेयरडेविल की प्रस्तुति खास होगी। दर्शकों के लिए गोमती रिवर फ्रंट व वृंदावन एक्सपो स्थल पर सेल्फी प्वाइंट बनाए गए हैं। इसमें रिवर फ्रंट पर दर्शक बंकर, टैंकों, बीएमपी के साथ सेल्फी ले सकेंगे।
इसके अतिरिक्त, उनके लिए एडवेंचर गेम जोन, सेना में रोजगार के अवसर का स्टाल, सिमुलेटर लगाया जा रहा है। जबकि वृंदावन स्थल पर वह स्टेटिक जोन में सेना के जवानों की पोशाक व जवानों के साथ अन्य अत्याधुनिक हथियारों के साथ सेल्फी ले सकेंगे।
एयर शो में -30,मालवाहक ग्लोबमास्टर, सूर्यकिरण की एरोबेटिक टीम, हेलीकॉप्टर एमआई-17, तेजस, जगुआर, रुद्र, ध्रुव, चिनूक, डोर्नियर भाग लेंगे। आर्मी लाइव शो में बोफोर्स, बीएमपी, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, घुड़सवारी व घोड़े पर योगा, अर्जुन टैंक, ब्रिज लेइंग सिस्टम, पैरा ट्रपर्स, डेयर डेविल्स के बाइक स्टंट का लोग लुत्फ उठा सकेंगे।