वरिष्ठ साहित्यकार उमेश कुमार चौरसिया की नई नाट्यकृति " गुल्ली डंडा " का हुआ विमोचन
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अपने हौसलों के दम पर हम अपनी प्रतिभा दिखा देंगे
भले कोई मंच ना दे हमको हम मंच अपना बना लेंगे।
जो कहते खुद को सितारा है जगमगा कर उनके सामने ही
चमक दिखा देंगे उनकी फीकी और सूरज खुद को बना लेंगे ।।
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अजमेर। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सचिव मेघना चौधरी द्वारा बुधवार को बोर्ड कर्मी व प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार उमेश कुमार चौरसिया की नई नाट्यकृति "गुल्ली डंडा" का विमोचन किया ।
इस अवसर पर बोर्ड सचिव ने कहा कि बच्चों कं लिए प्रेरणादायी साहित्य की महत्ती आवश्यकता है । इस सन्दर्भ में चौरसिया की यह कृति अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी । उल्लेखनीय है कि राजस्थान साहित्य अकादमी कं बाल साहित्य एवं नाट्य लेखन के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार से सम्मानित चौरसिया की यह 21वीं नाट्यकृति है।
इसमें मुंशी प्रेमचंद रचित बाल मनोविज्ञान पर आधारित लोकप्रिय कथाओं के नाट्य रूपान्तरण का अनूठा प्रयोग किया गया है। इस संग्रह में नादानी, गुल्ली डंडा, घर वापसी, गीत का मेला और बड़े भाई साहब बाल नाटक शामिल है । सभी नाटक बाल सुलभ रोचकता और मनोरंजन से पूर्ण है, इनमें कोई न कोई सीख भी अन्तर्निहित है।