जमुई । जिले के खैरा प्रखंड के खैरा बाजार की रहनेवाली स्मृति कुमारी को टीबी मुक्त भारत अभियान के लिए ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है. स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अभियान चलानेवाली अमेरिकन संस्था यूएस-एड ने स्मृति को जमुई जिले में टीबी के खिलाफ अभियान चलाने के लिए जिले का एंबेसडर बनाया है. बताते चलें कि स्मृति बीते एक वर्ष से भी अधिक समय तक बिहार की संस्था टीबी मुक्त वाहिनी से जुड़ कर इस रोग के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चला रही है. इस क्रम में उन्होंने प्रखंड और जिला स्तर पर कई सेमिनार तथा जागरूकता कार्यक्रमों का भी आयोजन किया है. वह टीबी रोग पर विजय हासिल कर लोगों को इसके प्रति जागरूक कर रही है.
इस बाबत स्मृति कुमारी ने बताया कि लोगों को यह समझाने का प्रयास किया जा रहा है कि टीबी रोग असाध्य नहीं है तथा इसका इलाज अस्पताल में उपलब्ध है. इसके लिए सभी अस्पतालों में डॉट्स सेंटर बनाये गये हैं तथा सभी अस्पतालों में मुफ्त में टीबी की दवा उपलब्ध करायी जा रही है. उसने बताया कि हमारा उद्देश्य यही है कि हम लोगों को यह जानकारी दें तथा टीबी मरीजों को चिह्नित कर उन्हें अस्पताल तक लाकर उनका समुचित इलाज करवायें. इसके अलावा सभी अस्पताल में टीबी मरीजों के खान-पान को लेकर भी प्रतिमाह पैसे दिये जाने का भी प्रावधान है. लेकिन, जागरूकता के अभाव में लोग इस बीमारी का इलाज नहीं कराते हैं और इस बीमारी से ग्रसित होकर रह जाते हैं.
पंचायत स्तर पर जागरूकता फैलायेगी स्मृति
टीबी चैंपियन स्मृति कुमारी ने बताया कि जिले और प्रखंड स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करने के बाद अब हमारा लक्ष्य है कि हम पंचायत स्तर पर जाकर लोगों को जागरूक करें तथा पंचायतों में, विद्यालयों में लोगों को यक्ष्मा रोग की जानकारी दें. इस क्रम में लगातार अलग-अलग पंचायत में कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है तथा लोगों को इसकी जानकारी दी जानी है. उसने बताया कि पूर्व में देश की राजधानी नयी दिल्ली में भी कार्यक्रम आयोजन किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ था. बिहार से मैं पहली लड़की थी, जिसको यह गौरव प्राप्त हुआ है, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी 2025 तक देश को टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य रखा था. इसके बाद मैं पूरी तरह से लोगों को जागरूक करने के लिए प्रेरित हुई तथा लगातार जागरूकता अभियान चला रही हूं.
जिला स्वास्थ्य विभाग का मिल रहा सहयोग
स्मृति बताती हैं कि इस अभियान में मुझे जिला स्वास्थ्य विभाग का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है. जिला स्वास्थ्य समिति के द्वारा भी कार्यक्रमों का आयोजन करा कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इसे लेकर बीते दिनों स्मृति के नेतृत्व में जागरूकता रैली निकाली गयी थी तथा प्रखंड के कई इलाकों में भी कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को इस बीमारी के इलाज की पूरी जानकारी दी गयी. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हमें यह समझना होगा कि टीबी की बीमारी कोई असाध्य बीमारी नहीं है. यह साथ बैठने और साथ खाने से नहीं फैलता है. अक्सर ऐसा होता है कि टीबी मरीज के साथ लोग छुआछूत का व्यवहार करना करना शुरू कर देते हैं, जो बहुत ही अनुचित है. वह भी आम इंसान की तरह ही होते हैं तथा अगर सही तरीके से उनका इलाज किया जाय और उन्हें डॉट्स की सही खुराक दी जाये, तो वह जल्दी ही ठीक हो सकते हैं.