एजेंसी।
नई दिल्ली। बैंकों ने जेट एयरवेज को 400 करोड़ रुपये की आपातकाल ऋण सहायता देने से इनकार कर दिया है। कर्ज नहीं मिलने से एयरलाइन पर बंद होने का खतरा मंडरा रहा है।
यदि कंपनी बंद होती है तो 20 हजार लोगों की नौकरी चली जायेगी। कर्मचारी इससे पहले मुंबई में भी इसी तरह का प्रदर्शन कर चुके हैं जहाँ कंपनी का मुख्यालय है।
यदि कंपनी बंद होती है तो 20 हजार लोगों की नौकरी चली जायेगी। कर्मचारी इससे पहले मुंबई में भी इसी तरह का प्रदर्शन कर चुके हैं जहाँ कंपनी का मुख्यालय है।
उल्लेखनीय है कि पिछले कैलेंडर वर्ष में 4,244 करोड़ रुपये का नुकसान उठा चुकी कंपनी ने जनवरी से पायलटों, रखरखाव अभियंताओं और प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों को वेतन नहीं दिया है। अन्य कर्मचारियों को आंशिक वेतन दिया जा रहा था, लेकिन उन्हें भी मार्च का वेतन अब तक नहीं मिला है।
कंपनी विमानों का किराया चुकाने में विफल रही है और उसे ऋण देने वाले आठ बैंकों के कंसोर्टियम ने एयरलाइंस की 75 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेचने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी है। कभी देश की दूसरी सबसे बड़ी विमान सेवा कंपनी रही जेट एयरवेज के इस समय 5 से भी कम विमान परिचालन में रह गये हैं। उसकी सभी अंतरार्ष्ट्रीय उड़ानें रद्द हैं और वह 35 से भी कम घरेलू उड़ानें भरने में सक्षम है।
भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने भी आज ट्विट कर जेट एयरवेज के डूबने को लेकर सहानुभूति जताई है। विजय माल्या ने ट्विट कर कहा कि हालांकि हम लोग प्रतियोगी थे लेकिन मेरी सहानुभूति नरेश और गीता गोयल के साथ है जिन्होंने जेट एयरवेज को बनाया जिस पर भारत गर्व महसूस कर सकता है। जेट एयलाइन बेहतर कन्क्टिविटी और क्लास सर्विस देती आई है।
उन्होंने ट्विट में यह भी लिखा कि जेट और किंगफिशर बड़े प्रतियोगी थे लेकिन उन्हें इतनी बड़ी एयरलाइन के डूबने का दुख है। विजय माल्या ने ट्विट में लिखा कि अगर सरकार पब्लिक का 35000 करोड़ देकर एयर इंडिया को बचा सकती है। पीएसयू होने के कारण इतना बड़ा फर्क आ जाता है। उन्होंने ट्विट में पैसा लौटाने का एक बार फिर जिक्र किया है।