अ भा चौरसिया महासभा ने चुनाव लड़ने के लिए 2 लाख देने की बात को सिरे से नकारा
****************************************
अखबार के कटिंग को विरोधों के साजिश का हिस्सा माना
**************************************
साक्ष्य के तौर पर दूसरे अखबारों की कटिंग प्रस्तुत किया
जिसमें 2 लाख देने का जिक्र तक नहीं
----------------------------------------------------------
नई दिल्ली। अखिल भारतीय चौरसिया महासभा ने एक अखबार के उस कटिंग को सिरे से नकार दिया है जिसमें चुनाव लड़ने वाले चौरसिया समाज के नेताओं को महासभा द्वारा ₹200000 देने की घोषणा की गई है। महासभा ने आज कहा कि अखिल भारतीय चौरसिया महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद चौरसिया द्वारा ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई। अखबार ने किसी विरोधी के कहने पर एक पक्षीय खबर प्रकाशित किया है।
महासभा के राष्ट्रीय महासचिव टी एन चौरसिया ने दैनिक राष्ट्रीय शान समाचार पत्र के संपादक सुरेश चौरसिया से इस संबंध में बेबाक बातचीत की। उन्होंने कहा कि बिहार के सासाराम में आयोजित चौरसिया महासभा द्वारा चौरसिया मिलन व सम्मान समारोह में राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई थी जैसा कि एक स्थानीय समाचार पत्र में खबर प्रकाशित हुई है। उन्होंने इस बाबत अन्य दूसरे समाचार-पत्रों की कटिंग भी प्रस्तुत किया जिसमें महासभा द्वारा ऐसी किसी तरह की घोषणा किए जाने का जिक्र तक नहीं है।
महासभा के राष्ट्रीय महासचिव ने बताया कि समाज के कुछ लोग महासभा के कार्यों के घोर- विरोधी हैं, जो आज सोशल मीडिया का सहारा लेकर मामले को तूल दे रहे हैं और अपनी सियासी जमीन के लिए चौरसिया समाज में फूट डालने और लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय चौरसिया महासभा एक सामाजिक संगठन है जो समाज के उत्थान और कल्याण के लिए काम करता है। पर, कुछ चौरसिया समाज के सामाजिक विरोधी संगठन नहीं चाहते कि अखिल भारतीय चौरसिया महासभा जिसकी देश के लगभग हर राज्य में इकाई है, मजबूती से आगे बढ़ सके और समाज के लिए काम कर सके।
चंदे की बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में टी एन चौरसिया ने कहा कि अखिल भारतीय चौरसिया महासभा किसी से चंदा नहीं लेती है। संगठन के बड़े हस्तियों द्वारा आपस में राशि एकत्र कर कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। आज जो लोग चंदे की राशि हजम करने या हड़पने करने का आरोप लगा रहे हैं, उनसे मेरा सवाल यह है कि वे महासभा को कितना चंदा दिया है? अगर उनके पास चंदे की कोई रसीद है तो महासभा के सामने प्रस्तुत करें।
टी एन चौरसिया ने कहा कि जनहित किसान पार्टी के कुछ लोग आकर उनसे दिल्ली में मिले और कहा कि हम चुनाव लड़ रहे हैं, हमें ₹200000 दे दो। महासभा जब किसी से चंदे नहीं लेती है तो उनके दो दर्जन उम्मीदवारों को दो-दो लाख कहां से दे सकती है?
उन्होंने बताया कि चौरसिया समाज का जो फंड है, वह दिल्ली में चौरसिया समाज के लिए राष्ट्रीय भवन, गेस्ट हाउस व बच्चों का ऑफिस तथा कॉन्फ्रेंस हॉल के लिए है। यह रकम सामाजिक कार्यों में खर्च होगा ना कि राजनीति के माध्यम से पैसा को बर्बाद किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया चौरसिया समाज के नाम पर जो चुनाव लड़ रहे हैं, वह जेब से ढाई हजार खर्च कर चौरसिया महासभा से ₹200000 लेकर जेब में रख लेना चाहते हैं। वैसे, महासभा के सहमति से यदि चुनाव लड़ा जाता तो उन्हें सहयोग दिया जाता। उन्होंने महासभा से राय लेना भी मुनासिब नहीं समझा। उन्होंने बताया कि पूर्व में रामेश्वर प्रसाद चौरसिया, संजीव चौरसिया और कैलाश चौरसिया आदि को महासभा द्वारा चुनाव में सहयोग दिया गया है।
उन्होंने कहा कि चौरसिया महासभा कोई रिजर्व बैंक तो है नहीं , जो चुनाव लड़ने वालों को इतनी बड़ी राशि उपलब्ध करा सके।
उन्होंने कहा की अखिल भारतीय चौरसिया महासभा पर जबरदस्ती व बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं। उनका मंसूबा कभी पूरा नहीं होगा और अखिल भारतीय चौरसिया महासभा पूर्व की भांति सामाजिक संगठन के रूप में अपना सामाजिक कार्य करती रहेगी।